Wednesday, April 5, 2023

"रोजेदार के लिये एक दुआ ऐसी होती है जो रद्द नहीं होती । "



रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया

"रोजेदार के लिये रोज़ा खोलते वक़्त एक दुआ ऐसी होती है जो रद्द नहीं होती । "
हज़रत अबदुल्लाह बिन अम्र (रज़ि.) ये दुआ किया करते थे



,"अल्लाहुम्मा इन्नी अस अलुका बिरहमति कल्लत वसीअत कुल्ला शैइन, अन-तगफिल

"ऐ अल्लाह ! मैं तेरी रहमत के ज़रिए सवाल करता हूं, जो हर चीज़ को ढांपे हुए है, कि मुझे माफ़ कर दे।

[सुनन इब्ने माजह: 1753 | हसन ]

Saturday, April 23, 2022

रोज़े फ़र्ज़




ऐ लोगो जो ईमान लाए हो तुम पर रोज़े फ़र्ज़ कर दिये गए, जिस तरह तुमसे पहले नबियों के माननेवालों पर फ़र्ज़ किये गए थे। इससे उम्मीद है कि तुममें परहेज़गारी की सिफ़त गुण पैदा होगी।

[ Al Quran 2183]

Thursday, April 21, 2022

रोज़ेदार को रोज़ा इफ़्तार करने का सवाब



रोज़ेदार को रोज़ा इफ़्तार करने का सवाब

रसूल अल्लाह (ﷺ) ने फरमाया: "जो शख्स किसी रोज़ेदार को रोज़ा इफ्तार करायेगा, उसको रोज़ेदार के बराबर सवाब अता किया जाएगा, और रोज़ेदार के सवाब में बिल्कुल कमी नही होगी ।।"

IBN e MAJA HADEES NO 1746

Wednesday, April 20, 2022

रोज़ा और क़ुरआन क़यामत के दिन बंदे के लिए सिफ़ारिश करेंगे,


रसूल अल्लाह (ﷺ) ने फरमाया:

रोज़ा और क़ुरआन क़यामत के दिन बंदे के लिए सिफ़ारिश करेंगे,

रोज़ा कहेगा :- ए मेरे रब! मैंने इसको खाने पीने और दूसरी ख़्वाहिशात से रोके रखा, पस तू इसके हक़ में मेरी सिफ़ारिश क़ुबूल फ़र्मा,

उधर क़ुरआन कहेगा :- मैंने इसको रात को ना सोने दिया, पस तू इसके हक़ में मेरी सिफ़ारिश कुबूल फ़र्मा । सो उनकी सिफ़ारिश क़ुबूल कर ली जाएगी।

MUSNAD AMHED HADEES NO 6589

NOTE :- कुरान करीम और रोज़ा, दोनों के सिफ़ारिश के अल्फ़ाज़ गौर करें ताकि हम में क़ुरान पर अमल करने, रात को क़याम करने और रोज़ा के तक़ाज़े पूरे करने की रग़बत पूरी हो ।।



Saturday, April 16, 2022

बहोत से ऐसे हैं जिनको रोज़ा और इबादत का नूर हासिल नहीं होता



रसूल अल्लाह (ﷺ) ने फरमाया:

" बहुत से रोज़ा रखने वाले ऐसे हैं कि उनको अपने रोज़े से भूख के सिवा कुछ 99 नहीं हासिल होता, और बहुत से रात में क्याम करने वाले ऐसे हैं कि उनको अपने क़याम से जागने के सिवा कुछ भी हासिल नहीं होता।।”

Ibn e Maja Hadees No 1690



Note:- यानी इनको रोज़ा और इबादत का नूर हासिल नहीं होता, और नइस में लज़्ज़त व बरकत होती है बल्कि रोज़ा और नमाज़ इन पर एक बोझ और तकलीफ है, दिन में भूखा रहना और रात में जागना,

इसी को वह काफी समझते हैं, हालाँकि यह उनकी गलती है, अगर आदाब के साथ और इख्लास (सिर्फ अल्लाह को राज़ी करने के लिए) के मुताबिक इबादत करे और उस वक़्त उनको मालूम हो जाएगा कि रोज़ा और नमाज़ का मक़सद सिर्फ भूखा रहना और जागना नहीं है,

अफसोस है कि हमारे जमाने में ऐसे लोग बहुत हो गए हैं जो रोज़ा और नमाज़ को ज़ाहरी तौर से अदा कर लेते हैं, और इख्लास हासिल नहीं करते, अगचे आवाम के लिए यह भी काफी है, और उम्मीद है कि अल्लाह अपनी मेहरबानी से कुबूल कर ले।

तरबूज़: गर्मी का तोड़



तरबूज़: गर्मी का तोड़

हज़रत आइशह रदियल्लाहु अन्हा फ़रमाती हैं:

आप (ﷺ) तरबूज़ को तर खजूर के साथ मिलाकर खाया करते थे और फ़रमाया करते थे: 
" हम खजूर की गर्मी को तरबूज़ की ठंडक से, और तरबूज़ की ठंडक को खजूर की गर्मी से तोड़ते हैं."

Sunnan Abu Dawood Hadees No 3836

Wednesday, April 13, 2022

जब बन्दे अल्लाह की राह में रोज़ा रखेगा तो




रसूल अल्लाह (ﷺ) ने फरमाया

जब बन्दे अल्लाह की राह में रोज़ा रखेगा तो अल्लाह तआला उस एक दिन के रोज़े के सबब से उसे जहन्नम से सत्तर बरस की मसाफत जितना दूर कर देगा ।। "

 MUSNAD AMHED HADEES NO 3649


Saturday, April 9, 2022

ईमान लाने वालों पर रोज़े फर्ज




रोजे हम पर क्यों फर्ज किये, क्या पिछली उम्मतो पर भी रोजे फर्ज थे?



ऐ ईमान लानेवालो! तुमपर रोज़े फर्ज किए गए, जिस प्रकार तुमसे पहले के लोगों पर (यानि पिछले अम्बिया की उम्मतो पर) किए गए थे, ताकि तुम तकवा वाले / परहेजगार (यानि अल्लाह का डर रखने वाले) बन जाओ

Thursday, April 7, 2022

रोज़ा का असल मक़सद परहेज़गारी हैं.




रोज़ा का मक़सद शिर्फ़ भूखे प्यासे रहना नही । रोज़ा का असल मक़सद ताके आप परहेज़गार वाले हो जाए...

Al-Qur'an

ऐ लोगो जो ईमान लाए हो! तुम पर रोज़े फ़र्ज़ कर दिये गए, जिस तरह तुमसे पहले नबियों के माननेवालों पर फ़र्ज़ किये गए थे। ताकि तुम परहेज़गार बनो। [2:183]


Wednesday, April 6, 2022

"रोज़ा किस चीज़ से इफ्तार करना चाहिए"




"रोज़ा किस चीज़ से इफ्तार करना चाहिए"


रसूल अल्लाह (ﷺ) ने फरमाया

"जब तुम में से कोई रोज़े से हो तो उसे खजूर से रोज़ा इफ़्तार करना चाहिए अगर खजूर न पाए तो पानी से कर ले इसलिए कि वह पाकीज़ा चीज़ है।

[ Abu Dawood Hadees No. 2355 ]