Roza Kholne ki DuaBismillah-Hirrahman-Nirrahim Zahabaz-zama' u wabtallatil uruqu wa sabatal-ajru in-sha-Allahप्यास खत्म हुई, रगे तर हो गयी और रोजे का सवाब इंशाअल्लाह...
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया"रोजेदार के लिये रोज़ा खोलते वक़्त एक दुआ ऐसी होती है जो रद्द नहीं होती । "हज़रत अबदुल्लाह बिन अम्र (रज़ि.) ये दुआ किया करते थे
,"अल्लाहुम्मा...
"इफ़्तारी के बाद ये दुआ पढ़ना सुन्नत हैं""ज़हबज़ - ज़मा वब तल्लतिल उठक व सबतल - अजक इंशा अल्लाह""प्यास ख़त्म हो गई, रगे तर हो गई और रोज़े का सवाब इन्शा अल्लाह पक्का हो गया।"[सुनन...
तरबूज़: गर्मी का तोड़हज़रत आइशह रदियल्लाहु अन्हा फ़रमाती हैं:आप (ﷺ) तरबूज़ को तर खजूर के साथ मिलाकर खाया करते थे और फ़रमाया करते थे: " हम खजूर की गर्मी को तरबूज़ की...