Wednesday, November 13, 2024

Salaam me Mukhtalif Lafzo ke Mayne

Salaam me Mukhtalif Lafzo ke MayneMayne




Salaam Karney Me Lafzo Ki Sahi Adayegi Kitni Zaruri Hai Zara Gaur Karey : 
» Assalaam-U-Alaikum - (Tum Par Allah Ki Salamti Ho). 
» Salamalai-Kum - (Tum Barbad Ho Jao). 
» Asaam-O-Alaikum - (Tum Ko Maut Aa Jaaye). 
» Assa-e-Kum → (Tum Khushi Ko Tarso). 
» Slam-Le-Kum - (Tum Pe Laanat Ho).

 » Note: Plz Make Aware All Other Muslims.

Tuesday, July 11, 2023

तो सबको सलाम किया करो


जन्नत में जाना है ?


 तो सबको सलाम किया करो 

नबी करीम (ﷺ) ने फ़रमाया : तुम जन्नत में दाखिल नहीं होगे जब तक कि तुम मोमीन हो जाओ , और तुम मोमीन नहीं हो सकते जब तक कि तुम एक - दूसरे से मोहब्बत करो । क्या तुम्हें ऐसी चीज़ न बताऊं कि जब तुम इस पर अमल करो तो एक - दूसरे के साथ मोहब्बत करने लगो आपस में सलाम आम करो
सहीह मुस्लिम # 1948

Tuesday, February 28, 2023

Chhota bade ko salaam kare , guzarne waala baithe hue ko Salaam kare


Hadees : Chhota bade ko salaam kare , guzarne waala baithe hue ko Salaam kare


 Hadees: Hazrat Abu Hurairah (Raziyallahu Anhu) se riwaayat hai ke, Nabi-e-Kareem (ﷺ) ne irshaad farmaaya:
 "Chhota bade ko Salaam kare, guzarne waala baithe hue ko Salaam kare aur thode aadmi zyaada aadmiyon ko Salaam Karein." 
                    📕 Bukhari: 6231

Saturday, February 4, 2023

"सलाम में पहल करने वाला घमंड से पाक है"।




मफ़हूम-ए-हदीस

 रसूलअल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) फरमाते है के -
  "सलाम में पहल करने वाला घमंड से पाक है"।
 (मिश्कत शरीफ़, जिल्ड 2, पेज-684, हदीस-
 4434)

* हिक्मत : याद रखिये एक घमंडी इंसान ही दसरो को अपने से कामतर समझौता है
 इसलिए वो लोगों से दुआ सलाम करने के लिए उम्मिद करता है के लोग उस से दुआ सलाम में पहल करे..

*और अफ़सोस की बात है! आज मुसलमानों में चांद फिकरी इख्तेलफ की बुनियाद पर दुआ सलाम ना करने की तालीम दी जाती है
 गोया उम्मत में इंतेहार फैलाया जा रहा है।
के सलाम मत करो और ना ही सलाम का जवाब दो,.. (सुभानअल्लाह)

 जबकी रसूल अल्लाह ने तो सलाम को आम करने की सलाम में पहल करने की तालीम दी उम्मत को..
 अल्लाह हम सबको हिदायत दे...

# अब सवाल ये आता है के - क्या सक्दा देने वाला और अल्लाह की राह में शहीद होने वाला घमंद से पाक नहीं होता?

 » तू याकीनन याद रखिये सदका खैरत करना और अल्लाह की राह में शहीद होना बोहोत ही बड़ा मरतबा रखना है अल्लाह के नाजदीक...

अगर इस अमल में इखलास हो तो वो अल्लाह के नज़र काबिले काबुल है,..
 - और अगर इनमे रिया (दिखावा) शमील हो जाए तो अमल बेकर है,।

 #लेकिन सलाम में पहला करने वाला इस लिए घमंद से पाक है
 क्यूंकी वो सामने वाले फरिग को अपने से कामतर नहीं समझौता

- तू बेहरहाल हम तमम को चाहिए के -
 *जो भी अमल करे इस नियत से करे के अल्लाह के नज़र काबिल-ए-कबूल हो..
 *इखलास के साथ और रिया-वा-घमंड से अपनी नियातो को पाक रखते हुए करे। बेशक़ ज़ज़ा और साज़ा देने वाला अल्लाह हम तमम की नियातो से बख़बर है,..


 शाअल्लाह-उल-अज़ीज़ में !!! अल्लाह तआला हम कहने सुनने से ज्यादा अमल की तौफीक दे...