एक फर्ज के बारे मेंजमात से नमाज़ अदा करनारसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया:“जिस ने तक्बीरे ऊला के साथ चालीस दिन तक अल्लाह की रज़ा के लिए जमात के साथ नमाज़ पढी उस के लिये दोजख से...
सफा और मरवाह की सई करनारसूलुल्लाह (ﷺ) (सफ़ा और मरवाह) की सई करते हुए सहाबा से फर्मा रहे थे के सई करो, क्योंकि अल्लाह तआला ने सई को तुम पर लाज़िम करार दिया है।[मुस्नदे...
इस्लाम की बुनियादरसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : इस्लाम की बुनियाद पांच चीज़ों पर है :(1) इस बात की गवाही देना के अल्लाह के अलावा कोई माबूद नहीं और मोहम्मद (ﷺ) अल्लाह के रसूल...
मीकात से एहराम बांध कर गुज़रनारसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया :"कोई शख्स बगैर एहराम बांधे हुए मीकात से न गुजरे।"[मुसनफ़े इब्रे अबी शैवा : 4/509]फायदा: खान-ए-काबा से कुछ फ़ास्लों...