Sunday, August 25, 2024
हज के दौरान गुनाहों से बचना
हज के दौरान गुनाहों से बचना
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :
“जिस ने हज के दौरान बीवी से न जिमा किया और न ही किसी छोटे बड़े गुनाह का इर्तिक़ाब किया, तो उसके पिछले सारे गुनाह माफ़ कर दिए जाएंगे।”
[तिर्मिज़ी : 811, अन अबी हरेराह (ऱ.अ)]
एक दूसरी रिवायत में है के वह शख्स हज से ऐसा वापस होता है जैसा उस दिन था जिस दिन मां के पेट से निकला था।
[बुखारी : 1820, अन अबी हुरैरह (ऱ.अ)]
मीकात से एहराम बांध कर गुज़रना
मीकात से एहराम बांध कर गुज़रना
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया :
"कोई शख्स बगैर एहराम बांधे हुए मीकात से न गुजरे।"
[मुसनफ़े इब्रे अबी शैवा : 4/509]
फायदा: खान-ए-काबा से कुछ फ़ास्लों पर चंद जगहें हैं जहां से एहराम बांधते हैं इन्हें "मीकात" कहा जाता है। यहां से गुजरते वक्त मक्का से बाहर रहने वालों पर ऐहराम बाँधना लाज़िम है।
Sunday, April 18, 2021
सूर - ए - इख्लास तिहाई कुरआन के बराबर है
एक अहेम अमल की फजीलत
सूर - ए - इख्लास तिहाई कुरआन के बराबर है
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : - " क्या तुम में से कोई यह नहीं कर सकता के एक रात में तिहाई कुरआन पढ़ ले ? " सहाब - ए - किराम ने अर्ज किया : भला कोई कैसे तिहाई कुरआन पढ़ लेगा ? आपने फर्माया : - सूरह इखलास तिहाई कुरआन के बराबर है । "
[ मुस्लिम : 1886 , अन अबी दरदा ( र.अ )]
Friday, April 9, 2021
फ़ितना व फ़साद करने की सजा
एक गुनाह के बारे में
फ़ितना व फ़साद करने की सजा
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है :
" जो लोग अल्लाह और उसके रसूल से लड़ते हैं , जमीन में फ़साद करने की कोशिश करते हैं , ऐसे लोगों की बस यही सज़ा है के वह क़त्ल कर दिए जाएँ या सूली पर चढ़ा दिए जाएँ या उन के हाथ और पाँव मुखालिफ जानिब से काटे जाएँ या वह मुल्क से बाहर निकाल दिए जाएँ । यह सज़ा उन के लिए दुनिया में सख्त रुस्वाई का ज़रिया है और आखिरत में उन के लिए बहुत बड़ा अज़ाब है । "
[ सूर - ए - माइदा : 33 ]