हज के दौरान गुनाहों से बचना
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :
“जिस ने हज के दौरान बीवी से न जिमा किया और न ही किसी छोटे बड़े गुनाह का इर्तिक़ाब किया, तो उसके पिछले सारे गुनाह माफ़ कर दिए जाएंगे।”
[तिर्मिज़ी : 811, अन अबी हरेराह (ऱ.अ)]
एक दूसरी रिवायत में है के वह शख्स हज से ऐसा वापस होता है जैसा उस दिन था जिस दिन मां के पेट से निकला था।
[बुखारी : 1820, अन अबी हुरैरह (ऱ.अ)]
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