जमात से नमाज़ अदा करना
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया:“जिस ने तक्बीरे ऊला के साथ चालीस दिन तक अल्लाह की रज़ा के लिए जमात के साथ नमाज़ पढी उस के लिये दोजख से नजात और निफाक से बरात के दो परवाने लिख दिये जाते हैं।"
[ तिर्मिज़ी: 241 ]
इस हदीस से जमात के साथ नमाज़ अदा करने की अहमियत और इसके फज़ीलत का पता चलता है।
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