Saturday, February 18, 2023

दुनिया अमल की जगह हैं

 

दुनिया अमल की जगह हैं

कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है :

“हर ऐसे शख्स के लिए बड़ी खराबी है, जो ऐब लगाने वाला और ताना देने वाला हो, जो माल जमा करता हो और उस को गिन गिन कर रखता हो। वह ख्याल करता है के उस का माल हमेशा उस के पास रहेगा, हरगिज़ ऐसा नहीं है, (जबकि) उस को रौंदने वाली आग में फेंका जाएगा।”

[सूर-ए-हुमजह: 1ता4]

Sunday, February 12, 2023

ऐश व इशरत से बचना



ऐश व इशरत से बचना

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने हज़रत मुआज़ (र.अ) को जब यमन भेजा तो फर्माया के

“नाज व नेअमत की जिंदगी से बचना इस लिए के अल्लाह के बंदे ऐश व इशरत करने वाले नहीं होते।”

[ मुसनदे अहम: २१६१३]

Tuesday, November 29, 2022

दुनिया अमल की जगह है




दुनिया अमल की जगह है

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

"दुनिया लम्हा ब लम्हा गुज़रती जा रही है और आखिरत सामने आती जा रही है और इस दुनिया में) दोनों के चाहने वाले मौजूद हैं, तुम को दुनिया के मुकाबले में आखिरत इख्तियार करनी चाहिए, क्योंकि दुनिया अमल की जगह है, यहां हिसाब व किताब नहीं है। और आखिरत हिसाब व किताब की जगह है, वहां अमल करने का मौका नहीं है।"

[कंजुल उम्माल : 43757, अन जाबिर (र.अ)]

Sunday, November 27, 2022

दो आदतें



दो आदतें

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया :

"जो शख्स दीनी मामले में अपने से बुलंद शख्स को देख कर उस की पैरवी करे और दुनियावी मामले में अपने से कम तर को देख कर अल्लाह तआला की अता कर्दा फजीलत पर उस की तारीफ़ करे तो अल्लाह तआला उसको ( इन दो आदतों की वजह से) साबिर व शाकिर लिख देता हैं।"

"और जो शख्स दीनी मामले में अपने से कमतर को देखे और दनियावी मामले में अपने से ऊपर वाले को देख कर अफसोस करे, तो अल्लाह तआला उस को साबिर व शाकिर नहीं लिखता।"

[तिर्मिज़ी: 2512. अन अदुल्लाह बिन अम्र (र.अ)]

Sunday, September 4, 2022

दुनियावी ज़िंदगी धोका है



 

दुनियावी ज़िंदगी धोका है

कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है :

"दुनियवी जिन्दगी तो कुछ भी नहीं, सिर्फ धोके का सौदा है।"

[सूर-ए-आले इमरान : 185]


फायदा : जिस तरह माल के जाहिर को देख कर खरीदार फंस जाता है, इसी तरह दुनिया की चमक दमक से धोका खा कर आखिरत से गाफिल हो जाता है, इसी लिए इन्सानों को दुनिया की चमक दमक से होशियार रहना चाहिए।