Tuesday, November 29, 2022

दुनिया अमल की जगह है




दुनिया अमल की जगह है

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

"दुनिया लम्हा ब लम्हा गुज़रती जा रही है और आखिरत सामने आती जा रही है और इस दुनिया में) दोनों के चाहने वाले मौजूद हैं, तुम को दुनिया के मुकाबले में आखिरत इख्तियार करनी चाहिए, क्योंकि दुनिया अमल की जगह है, यहां हिसाब व किताब नहीं है। और आखिरत हिसाब व किताब की जगह है, वहां अमल करने का मौका नहीं है।"

[कंजुल उम्माल : 43757, अन जाबिर (र.अ)]
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