Saturday, April 16, 2022

बहोत से ऐसे हैं जिनको रोज़ा और इबादत का नूर हासिल नहीं होता



रसूल अल्लाह (ﷺ) ने फरमाया:

" बहुत से रोज़ा रखने वाले ऐसे हैं कि उनको अपने रोज़े से भूख के सिवा कुछ 99 नहीं हासिल होता, और बहुत से रात में क्याम करने वाले ऐसे हैं कि उनको अपने क़याम से जागने के सिवा कुछ भी हासिल नहीं होता।।”

Ibn e Maja Hadees No 1690



Note:- यानी इनको रोज़ा और इबादत का नूर हासिल नहीं होता, और नइस में लज़्ज़त व बरकत होती है बल्कि रोज़ा और नमाज़ इन पर एक बोझ और तकलीफ है, दिन में भूखा रहना और रात में जागना,

इसी को वह काफी समझते हैं, हालाँकि यह उनकी गलती है, अगर आदाब के साथ और इख्लास (सिर्फ अल्लाह को राज़ी करने के लिए) के मुताबिक इबादत करे और उस वक़्त उनको मालूम हो जाएगा कि रोज़ा और नमाज़ का मक़सद सिर्फ भूखा रहना और जागना नहीं है,

अफसोस है कि हमारे जमाने में ऐसे लोग बहुत हो गए हैं जो रोज़ा और नमाज़ को ज़ाहरी तौर से अदा कर लेते हैं, और इख्लास हासिल नहीं करते, अगचे आवाम के लिए यह भी काफी है, और उम्मीद है कि अल्लाह अपनी मेहरबानी से कुबूल कर ले।

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