जन्नत वालों का इन्आम व इकराम
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है
“(जन्नती लोग) जन्नत में सलाम के अलावा कोई बेकार व बेहूदा बात नहीं सुनेंगे और जन्नत में सुबह व शाम उनको खाना (वगैरह) मिलेगा। यही वह जन्नत है, जिस का मालिक हम अपने बंदों में से उस शख्स को बनाएंगे जो अल्लाह से डरने वाला होगा।”
[सूर-ए-मरयम:62 ता 63]
कुरआन की यह आयत सूर-ए-मरयम (62-63) से ली गई है, जिसमें अल्लाह तआला जन्नत की विशेषताओं और उसमें मिलने वाली नेमतों का वर्णन करते हैं। आयत का भावार्थ है कि जन्नती लोग जन्नत में किसी भी प्रकार की बेकार या बेहूदा बातें नहीं सुनेंगे। उनके लिए केवल सलाम और शांति का संदेश होगा। इसके अलावा, उन्हें सुबह और शाम नियमित रूप से खाना और अन्य नेमतें मिलेंगी। यह जन्नत अल्लाह के खौफ रखने वाले (परहेज़गार) बंदों के लिए है, जिन्हें अल्लाह तआला इसकी नेमतों का मालिक बनाएगा।
इस आयत में जन्नत की शांति, नेमतें और उन लोगों का वर्णन है, जो अल्लाह से डरते हैं और उसके बताए हुए रास्ते पर चलते हैं।
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