Monday, September 16, 2024

कयामत का मंजर

आख़िरत के बारे में



कयामत का मंजर

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया:“अगर (आखिरत के हौलनाक अहवाल के मुतअल्लिक) तुम्हें वह सब मालूम हो जाए जो मुझे मालूम है, तो तुम्हारा हँसना बहुत कम हो जाए और रोना बहुत बढ़ जाए।”
[ बुखारी : 6486 ]



इस हदीस से यह समझ में आता है कि आखिरत के डरावने हालात और अल्लाह की पकड़ की गंभीरता को समझने के बाद इंसान की दिली हालत बदल जाती है, जिससे उसकी हंसी-खुशी कम हो जाती है और अल्लाह का खौफ बढ़ जाता है।
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