लैलुतल-क़द्र की तलाश करो
अल्लाह के रसूल (ﷺ) ने फ़रमाया:
मुझे शब-ए-क़द्र ख्वाब में दिखाई गई लेकिन फिर मुझ से भुला दी गईं लेहाज़ा तुम इससे रमजान के आखिरी अशरा की तक रातो में तलाश करो।”
{Ibn e Maja Haades1766}
आप (ﷺ) ने फ़रमाया:
" शब-ए-क़द्र को रमज़ान की आखरी अशरे की रातों (21, 23, 25, 27, 29) में तलाश करो।"
{Bukhari 2017}
NOTE:- इससे मालूम हुआ कि वो मख़सूस रात दिखाई गई फिर आप से भुला दि गई, इसमे मसलेहत ये भी है के लोग इस रात की तलाश में जयदा से जयदा इबादत और जिक्र इलाही में मशगूल रहे।"
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