Sunday, April 16, 2023

शब-ए-क़द्र की रातों में कसरत से इबादत में गुजारो




Laylatul-Qadar

उम्मुल मोमिनीन हज़रत आईशा रज़ि फरमाती हैं..

जब रमज़ान का आख़िरी अशरा आता तो नबी अपना तहबंद मज़बूत बाँधते यानी अपनी कमर पूरी तरह कस लेते और उन रातों में आप ख़ुद भी जागते और अपने घर वालों को भी जगाया करते थे।
SAHIH BUKHARI HADEES NO 2024


NOTE:- इसका मतलब शिर्फ़ खुद ही नही बल्कि अपने बच्चो और अपने घर वालो को इसके तरफ तवज्जो डालना चाहिए, और जागने से मुराद शब-ए-क़द्र की रातों में कसरत से इबादत में गुज़र देना है..!!
Previous Post
Next Post

0 Comments: