Home Jummah Virtue of Jummah नमाज़ – गुनाहों का कफ़्फारा Mera DeenIslam October 04, 2024 Leave a Reply नमाज़ – गुनाहों का कफ़्फारानबी करीम ने ईरशाद फ़रमाया: -"पांचों नमाज़ें और हर जुमा से (दूसरे) जुमा तक दरमयानी मुद्दत के गुनाहों का कफ़्फ़ारा (उनको मिटाने वाले हैंजब तक कबीरा गुनाहों का इर्तिकाब ना किया जाए।"[SAHIH MUSLIM #550] Tags: Jummah Virtue of Jummah Previous Post Next Post Mera DeenIslam
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