Friday, October 4, 2024

नमाज़ – गुनाहों का कफ़्फारा




नमाज़ – गुनाहों का कफ़्फारा

नबी करीम ने ईरशाद फ़रमाया: -
"पांचों नमाज़ें और हर जुमा से (दूसरे) जुमा तक दरमयानी मुद्दत के गुनाहों का कफ़्फ़ारा (उनको मिटाने वाले हैं
जब तक कबीरा गुनाहों का इर्तिकाब ना किया जाए।"

[SAHIH MUSLIM #550]
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