वसिय्यत के लिए दो इंसाफ पसंद लोग गवाह हो
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है:
“ऐ ईमान वालो ! जब तुम में से किसी को मौत आने लगे, तो वसिय्यत के वक्त शहादत के लिए तुम में से दो इन्साफ़ पसंद आदमी गवाह होने चाहिए या तुम्हारे अलावा दुसरी क़ौम के लोग भी गवाह बन सकते हैं अगर मुसलमान न मिले।”
[सूर-ए-मायदा : 106]
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