हर एक को नाम-ए-आमाल के साथ बुलाया जाएगा
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है:“वह दिन याद करने के काबिल है, जिस दिन तमाम आदमियों को उनके नाम-ए-आमाल के साथ मैदाने हश्र में बुलाएंगे, फिर जिनका नाम-ए-आमाल उन के दाहिने हाथ में दिया जाएगा, तो वह (खुश हो कर) अपने नाम-ए-आमाल को पढ़ने लगेंगे उन पर एक धागे के बराबर भी जुल्म नहीं किया जाएगा।”
[ सूर: बनी इसराईल: 71 ]
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है :“वह दिन याद करने के काबिल है, जिस दिन हम नबियों को उन की उम्मत के साथ (मैदाने हश्र में) बुलाएँगे फिर जिन का नाम-ए-आमाल उन के दाहिने हाथ में दिया जाएगा, वह (खुश हो कर) अपने नाम-ए-आमाल को पढ़ेंगे और उन पर ज़र्रा बराबर भी जुल्म नहीं किया जाएगा।”
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