रसूल (ﷺ) ने फरमाया की
"अल्लाह फरमाता है कि ए इब्ने आदम तू खर्च कर में तुझे अता करता जाऊंगा"
हदीस-ए-कुदसी सही बुख़ारी 5352
यह हदीस-ए-कुदसी अल्लाह की उस महानता को दर्शाती है, जिसमें वह इंसानों को अपने रास्ते पर चलने और दूसरों के लिए खर्च करने की प्रेरणा देते हैं। इसमें कहा गया है कि अल्लाह अपने बंदों को यह संदेश देते हैं कि यदि वे अपने संसाधनों को दूसरों की भलाई के लिए खर्च करेंगे, तो अल्लाह उन्हें बदले में और अधिक आशीर्वाद देगा। इसका मतलब है कि अल्लाह की रहमतें और अनुग्रह सीमित नहीं हैं, और जो लोग दूसरों की सहायता करते हैं, उन्हें अल्लाह खुद अनगिनत नेमतों से नवाजते हैं।
यह हदीस हमें सिखाती है कि परोपकार और उदारता का महत्व इस्लाम में कितना बड़ा है और कैसे अल्लाह अपने बंदों को प्रोत्साहित करते हैं कि वे दूसरों के साथ अपने संसाधनों को साझा करें।
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