Astaghfar kise kehte hai ?Insan ki fitrat hai ke us se khata, galati ya gunah ho jate hai, aur jab wo apne kiye par sharminda ho kar sacche dil se apne Rab se muafi talab...
"रसुल-अल्लाह (ﷺ) ने फरमाया "बन्दा उस वक़्त तक अल्लाह-त-अल्लाह के अजाब से अमन में रहता है, जब तक (बन्दा) अल्लाह-त-अल्लाह से अस्तग़फ़ार करता रहता है। "(Reference Musanad...
जो शख्स अस्तगफार करता है तो अल्लाह इसे माफ कर देते हैं।नबी करीम (ﷺ) ने ईरशाद फ़रमाया :जो शख्स गुनाह करता है फिर जा कर वुज़ू करता है और फिर नमाज पढ़ता है फिर अल्लाह से अस्तगफार...