रसूल अल्लाह (ﷺ) ने फरमाया:-
रोज़ा और क़ुरआन क़यामत के दिन बंदे के लिए सिफ़ारिश करेंगे,
रोज़ा कहेगा :- ए मेरे रब! मैंने इसको खाने पीने और दूसरी ख़्वाहिशात से रोके रखा, पस तू इसके हक़ में मेरी सिफ़ारिश कुबूल फ़र्मा,
उधर क़ुरआन कहेगा :- मैंने इसको रात को ना सोने दिया, पस तू इसके हक़ में मेरी सिफ़ारिश कुबूल फ़र्मा । सो उनकी सिफ़ारिश क़ुबूल कर ली जाएगी।
MUSNAD AMHED HADEES NO 6589
NOTE :- क़ुरान करीम और रोज़ा, दोनों के सिफ़ारिश के अल्फ़ाज़ गौर करें ताकि हम में कुरान पर अमल करने, रात को क़याम करने और रोज़ा के तक़ाज़े पूरे करने की रग़बत पूरी हो ।।
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