हक़ीकत (REALITY)
इनसान चाहे जितना हक़ीक़त से मुँह मोड़ना चाहे पर हक़ीक़त यही है कि :
आख़िरकार हर एक शख़्स को मौत का मज़ा चखना है और तुम सब (अपने कर्मों का) पूरा-पूरा बदला क़ियामत (प्रलय) के दिन पानेवाले हो ।
क़ुरआन - 3:185
Every soul will taste death. And you will only receive your full reward on the Day of Judgment.
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