नबी करीम (ﷺ) ने फ़रमाया : -
मुझे दोज़ख़ दिखलाई गई, इस में ज़्यादातर औरतें थीं जो कुफ्र करती हैं।
सहाबा ने सवाल किया
या रसूल अल्लाह! क्या वो अल्लाह के साथ कुफ़ करती हैं?
आप (ﷺ) ने फरमाया :
शौहर की नाशुक्री करती हैं, और एहसान की नाशुक्री करती हैं, अगर तुम उम्र भर उनमें से किसी के साथ एहसान करते रहो, फिर तुम्हारी तरफ़ से कभी कोई उनके ख़्याल में नागवारी की बात हो जाये तो फ़ौरन कह उठेंगी की मैंने कभी भी तुझसे कोई भलाई नहीं देखी
SAHIH BUKHARI #29
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