महीने का पहला चाँद देख कर पढ़ने की दुआ..
اللهم أهلله علينا باليمن والإيمان والسلامة والإسلام، ربي وربك الله
{ALLahumma AhLiLhu ALainaa BiL Yumni Wal Eemaani, Was SaLamati WaL isLaami, Rabbi Wa Rabbuka ALLAH }
ये अल्लाह! मुबारक कर हमें ये चाँद, बरकत और ईमान और सलामती और इस्लाम के साथ, (आये चाँद) मेरा और तुम्हरा रब अल्लाह है..!!
Jam e Tirmizi Hadees No 3451
Note :- ये दुआ शिर्फ़ रमज़ान और बक़रीद के लिए ख़ास नही, बल्के हर नये चाँद को देखने के बाद पढ़नी चाहिए..
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