बीमारियों का इलाज
हज़रत अनस (ऱ.अ) के पास दो शख्स आए, जिन में से एक ने कहा :
ऐ अबू हमज़ा (यह हजरत अनस (ऱ.अ) की कुन्नियत है) मुझे तकलीफ़ है, यानी में बीमार हूं, तो हज़रत अनस (ऱ.अ) ने फर्माया : क्या मैं तुम को उस दुआ से न दम कर दूं जिस से रसूलुल्लाह (ﷺ) दम किया करते थे? उस ने कहा जी हाँ जरूर। तो उन्होंने यह दुआ पढ़ी:
तर्जुमा: ऐ अल्लाह! लोगों के रब! तकलीफ को दूर कर देने वाले, शिफा अता फरमा, तू ही शिफा देने वाला है तेरे सिवा कोई शिफा देने वाला नहीं, ऐसी शिफा अता फरमा के बीमारी बिलकुल बाकी ना रहे।
[बुखारी : 5742]
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