मुस्लिम भाई से झगड़ा करना व गाली देना
"आ-हजरत रसुल-अल्लाह (ﷺ) ने फरमाया" :
मुसलमान का अपने (मुसलमान) भाई को गाली देना फिस्क (जुल्म / अत्याचार उलंघन) है, ओर उससे लड़ना कुफ्र है, ओर मुसलमान के माल कि हुरमत उस के खून की हुरमत कि मनिनन्द / तरह है
(Reference Musanad Ahmad 6445, | Sahih Bukhari 48 & Sahih Muslim 221)
0 Comments: