" नमाज़ असर की फ़ज़ीलत "
Al - Qur'an
पाबंदी करो नमाज़ों की और बीच की नमाज़ की (तो खुसूसी तौर पर) ।
[2 : 239]
अल्लाह के रसूल (ﷺ) ने फ़रमाया : जिसकी नमाज़ - ए - अस्र छूट गई ( जान कर ) गोया उसका घर और माल सब लुट गया ।
[ Sahih Bukhari 552 ]
जिसने असर की नमाज़ [ जान कर ] छोड़ दी , उसका नेक अमाल ज़ाया हो गया ।
[ Sahih Bukhari 553 ]
जिसने ठंडे वक़्त की नमाज़े वक़्त पर पढ़ी ( फ़ज़र और असर ) तो वह जन्नत में दाखिल होगा ।
[ Sahih Bukhari 574 ]
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